125 crpc petition format | 125 सीआरपीसी याचिका हिन्दी मे |
न्यायालय श्रीमान.....................................
1.श्रीमति मीना देवी पत्नी श्री.............. 2. लक्ष्मी 3. हेमलता पुत्रीयान......... मार्फत माता श्रीमति मीना देवी निवासीगण...............।
प्रार्थीयाबनाम
लोकेश पुत्र श्री................................................|
प्रतिप्रार्थीपीटीसन जेरे धारा 125 सी0 आर0 पी0 सी0
श्रीमान जी,प्रार्थीया निम्नलिखित निवेदन करती हे कि:-
1. यह कि प्रार्थीया की शादी लोकेश पुत्र श्री ................... निवासी............... के साथ सन् 2010 को आन्नद पर्वत नई दिल्ली में मौजिजान व रिस्तेदारों की उपस्थिति में सम्पन्न हुई थी तथा शादी में प्रार्थीया के पिता ने अपनी हैसियत से ज्यादा दान व दहेज दिया था परन्तु उसके बावजूद भी प्रतिप्रार्थी व उसके परिवार वाले खुष ना हुए और प्रार्थीया को तंग व परेषान करने लगे। प्रतिपार्थी कहने लगे कि तेरे पिता ने हमारी हैसियत के मुताबिक दान दहेज ना दिया है। इसी दौरान प्रार्थीया ने सन् 2013 में एक पुत्री को जन्म दिया जिसका नाम हेमलता है, परन्तु प्रतिप्रार्थी प्रार्थीया से दहेज की मांग करने लगे तथा नाजायज तौर व तरीको से प्रार्थीया को परेषान करने लगें।
2. यह कि प्रार्थीया ने अपने धरवाले को कई बार समझाया कि मेरा पिता गरीब आदमी है और उन्होने अपनी हैसियत से ज्यादा दान दहेज दिया है प्रार्थीया ने अपने पति को काफी समझाया परन्तु प्रतिप्रार्थी दान दहेज लाने की मांग करता रहा। दहेज लाने की मांग के वारे में प्रार्थीया ने अपने पिता को फोन पर सारा वाक्या बताया तथा प्रार्थीया की बाते सुनने के बाद प्रार्थीया का पिता अपने गांव से मौजिजान आदमी व रिष्तेदारो को लेकर प्रार्थीया की ससुराल गया और प्रतिप्रार्थी व उसके परिवार वालो को काफी समझाया कुछ दिन तक तो प्रतिप्रार्थी चुप रहा परन्तु प्रतिप्रार्थी व उसके परिवार वाले अपनी दहेज की मांग पर अडे रहे तथा प्रार्थीया के साथ पशुओं जैसा व्यवहार करने लगे और प्रार्थीया को दिनांक .............. की रात को बुरी तरह से मारा व पीटा व घर से निकाल दिया, प्रार्थीया सारी बाते फोन पर अपने पिता को बताई तथा अगले ही दिन दिनांक .............. को प्रार्थीया का पिता पंचायत लेकर प्रतिप्रार्थी के पास गया परन्तु प्रतिप्रार्थी ने पंचायत की एक भी बात ना मानी और स्पष्ट तौर से कह दिया कि जब तक हमें दहेज नहीं मिलेगी तब तक प्रार्थीया को हम अपने घर में नहीं घुसने देगें और साथ में धमकी दी कि अगर उन्होने प्रार्थीया को उसकी ससुराल मंे छोडा तो उसे जान से खत्म कर देगें और यह कहकर प्रार्थीया को घर से बाहर निकाल दिया, जबकि प्रार्थीया गर्भ से थी तथा प्रार्थीया का सारा स्त्री धन लूट लिया और प्रार्थीया के पिता व प्रार्थीया, प्रार्थीया के पिता व मौजूदा आदमीयो को घर से भगा दिया तथा प्रार्थीया ने अपने पिता के घर पर लक्ष्मी नाम की लडकी को जन्म दिया। इन परिस्थितियों में प्रार्थीया का प्रतिप्रार्थी के साथ रहना सम्भव ना है।
3. यह कि प्रार्थीया उसी दिन से अपने पिता के पास रह रही है और प्रार्थीया पूरी तरह से अपने पिता पर निर्भर है तथा प्रार्थीया का पिता बहुत गरीब आदमी है तथा प्रार्थीया को अपना भरण पोषण व दोनो लडकियों का गुजारा करना बहुत मुष्किल हो रही है जबकि प्रतिप्रार्थी मजदूरी करता है तथा मुब0 8,000/- रूपये प्रति माह आराम से कमा लेता है और प्रार्थीया को करीब 4,000/- रूपये भरण पोषण व गुजारे के लिए आराम से दे सकता है।
4. यह कि प्रार्थीया अपने पिता के पास रह रही है और न्यायालय श्रीमान जी के क्षेत्राधिकार में आता है। इसलिए न्यायालय श्रीमान जी को मौजूदा पीटीशन सुनने व समायत करने का पूरा-पूरा हक हासिल है
5. यह कि पीटीषन पर निर्धारित कोर्ट फीस मुबलिग 10/- रूपये टिकट की शक्ल में चस्पा की गई है।
6. यह कि प्रार्थीया न्यायालय श्रीमान जी से निवेदन करती है कि प्रार्थीया को मु0 4,000/- रूपये प्रति माह वावत भरण पोषण व गुजारा भत्ता प्रतिप्रार्थी से दिलवाऐं जावें और मौजूदा पीटीषन प्रार्थीया मय खर्चा मंजूर फरमाई जावें।
दिनांक:-प्रार्थीया
मार्फत अधिवक्ता
न्यायालय श्रीमान..........................................
श्रीमति मीना देवी वगैरा बनाम लोकेश
पीटीसन जेरे धारा 125 सी0 आर0 पी0 सी0
दरखास्त बराये दिलाऐ जाने अन्तरिम गुजारा भत्ता।
श्रीमान जी,
प्रार्थीया निम्नलिखित निवेदन करती है कि:-
1. यह कि प्रार्थीया ने उपरोक्त मुकदमा अनुमान वाला पीटीषन न्यायालय श्रीमान जी के यहा दायर की है। उपरोक्त पीटीषन के तथ्यों को भी इस दरखास्त का हिस्सा समझ कर पढा जावें।
2. यह कि प्रार्थीया सन् .......... से अपने पिता के पास ...................... में रह रही है और प्रार्थीया पूरी तरह से अपने पिता पर निर्भर है प्रार्थीया को अपना व अपनी दोनो लडकियो का भरण पोषण व गुजारा करना बहुत मुष्किल हो रहा है। जबकि प्रतिप्रार्थी मजदूरी करके मुबलिग 8,000/- रूपये प्रति माह कमाता हैै और प्रार्थीया को मु0 4,000/- रूपये अन्तरिम गुजारे भत्ते के लिए प्रति माह आराम से दे सकता है।
3. अतः जनाव से प्रार्थना है कि मुझ प्रार्थीया व प्रार्थीया की दोनो लडकियो को मु0 4,000/- रूपये प्रति माह वावत अन्तरिम गुजारा भत्ता दे सकता है। जिससे की प्रार्थीया तथा दोनो बच्चों का पालन पोषण कर सकें तथा उन्हें अच्छी तरह से पढा लिखा सकें। प्रतिप्रार्थी से मुब0 4000/- रूपये प्रति माह वार दिलवाये जाने के आदेष फरमाये जावें। जनाव की अति कृपा होगी।
दिनांक:- प्रार्थीया
श्रीमति मीना
मार्फत अधिवक्ता
1 Comments
It's not a real situation.
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